मणिपुर में हालात
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर मई 2023 से लगातार तनाव और हिंसा की चपेट में है। मेइती बहुसंख्यक समुदाय और मुख्य रूप से ईसाई कुकी जनजाति के बीच हुए टकराव में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस हिंसा ने हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है, जिनमें से कई आज भी राहत शिविरों में रह रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा
इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मणिपुर का दौरा किया। शनिवार को कुकी बहुल चुराचांदपुर ज़िले में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा:
“मणिपुर की ज़िंदगी को पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मैं आपसे वादा करता हूं कि केंद्र सरकार आपके साथ खड़ी है। सभी समूहों से मेरी अपील है कि अपने सपनों को साकार करने के लिए शांति का रास्ता अपनाएं।”
इसके बाद राजधानी इंफाल में, जो मेइती बहुल इलाका है, प्रधानमंत्री ने बताया कि बेघर हुए परिवारों के लिए 7,000 नए मकानों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने दोनों समुदायों से संवाद बढ़ाने और
“पहाड़ और घाटी के बीच भाईचारे का पुल मज़बूत करने” की अपील की।
मणिपुर की राजनीतिक स्थिति
गौरतलब है कि फरवरी 2025 में राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (भाजपा) ने हिंसा रोकने में नाकाम रहने के आरोपों के बीच इस्तीफ़ा दे दिया था। इसके बाद लगभग 30 लाख आबादी वाला मणिपुर सीधे केंद्र के प्रशासन में चला गया।
मेइती और कुकी समुदायों के बीच ज़मीन और सरकारी नौकरियों को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए इन तनावों को और बढ़ाते रहे हैं।
मोदी का तीन राज्यों का दौरा
मणिपुर दौरा प्रधानमंत्री मोदी की तीन राज्यों की यात्रा का हिस्सा है, जिसमें असम और बिहार भी शामिल हैं।
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बिहार में, जहाँ भाजपा कभी अकेले सत्ता में नहीं रही, चुनावी माहौल को देखते हुए मोदी लगभग 8 अरब डॉलर की योजनाओं का ऐलान करेंगे।
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इस पैकेज में कृषि, रेल, सड़क और हवाई अड्डे से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।
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बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य माना जाता है और यहाँ 13 करोड़ से अधिक आबादी है।
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