पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों ने ऊंचाई का नया रिकॉर्ड छू लिया था।
कारण था — अमेरिका में सोने पर टैरिफ लगने की अटकलें।
अमेरिका में सबसे ज्यादा सोना स्विट्जरलैंड से आता है, और ट्रंप ने हाल ही में इस देश पर 39% रेसिप्रोकल टैरिफ
लगा दिया।
यहीं से बाजार में अफवाह फैलने लगी कि क्या सोने पर भी भारी टैक्स लगने वाला है।
टैरिफ की उलझन खत्म
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने Truth Social अकाउंट पर पोस्ट करके इस पूरी उलझन को खत्म कर दिया।
उन्होंने लिखा —
"सोने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा!"
हालांकि, उन्होंने इससे आगे कोई विस्तार नहीं दिया।
इससे पहले यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के एक पत्र ने गोल्ड मार्केट में भ्रम पैदा कर दिया था, जिसमें एक
किलो और 100 औंस वज़न वाले गोल्ड बार पर ड्यूटी लगाने की बात कही गई थी।
क्यों बढ़ी थी कीमतें
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कस्टम्स की वेबसाइट पर पिछले हफ्ते एक नियम पोस्ट हुआ था, जिससे चिंता बढ़ी कि अमेरिका गोल्ड बार पर टैरिफ लगा सकता है।
अगर ऐसा होता, तो सोने की सप्लाई में बड़ी दिक्कत आ सकती थी और आयात महंगा हो जाता।
नतीजा —
Comex में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं।
स्विट्जरलैंड से अमेरिका को जो सोना जाता है, उसमें एक किलो के बार का सबसे बड़ा हिस्सा होता है।
बाजार में राहत
ट्रंप के बयान के बाद सोने के बाजार ने राहत की सांस ली।
टैरिफ लगने से जो झटका लग सकता था, उससे अब बचाव हो गया।
घोषणा के बाद —
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अमेरिका में गोल्ड फ्यूचर्स 2.4% गिरकर $3,407 प्रति औंस
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स्पॉट गोल्ड 1.2% गिरकर $3,357 प्रति औंस
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MCX (भारत) पर 3 अक्टूबर डिलीवरी वाला सोना 257 रुपये गिरकर ₹1,00,065 प्रति 10 ग्राम
शेयरों पर असर
गोल्ड माइनिंग कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आई।
Barrick Mining के शेयर 2.8% टूटे, जबकि Newmont के शेयर गिरकर $68.87 पर पहुंच गए।
सोना आमतौर पर सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन इस साल दुनिया भर में अशांति और टैरिफ को लेकर
तनाव के चलते इसकी कीमतें पहले ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी थीं।
निचोड़
सोने के निवेशकों के लिए फिलहाल अच्छी खबर यह है कि अमेरिका में सोने के आयात पर कोई नया टैरिफ नहीं लगेगा।
लेकिन यह भी साफ है कि वैश्विक राजनीति और नीतिगत बदलावों का असर सोने की कीमतों पर लगातार बना रहेगा।
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